17-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
कहावत है दृष्टि से सृष्टि बदलती है। तो आपकी दृष्टि ऐसी सतोगुणी हो जो कैसी भी तमोगुणी वा रजोगुणी आत्मा की दृष्टि, वृत्ति और उनकी स्थिति बदल जाये। -ॐ शान्ति -...
16-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तुम बच्चे जानते हो इस ड्रामा अथवा सृष्टि रूपी कल्प वृक्ष की आयु 5 हजार वर्ष है। जैसे आम का बीज है, वह चैतन्य होता तो समझाता कि हम बीज हैं, हमसे यह झाड़ ऐसे निकला। परन्तु वह है जड़। चैतन्य झाड़ एक ही है। -ॐ शान्ति-...
15-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं - मुझे याद करने से तुम्हारे विकर्म विनाश होंगे और तुम सदा सुखी बनेंगे। अभी तुम बच्चे जानते हो बाप की श्रीमत पर चलना है। जैसे मैं शान्ति का सागर हूँ, प्यार का सागर हूँ, तुमको भी ऐसा बनाता हूँ। यह महिमा एक बाप की है।...
14-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
यह जो रामायण है, आज (दशहरे पर) जैसे इनका रामायण पूरा होने वाला है परन्तु पूरा होता नहीं। अगर रावण मरता है तो रामायण की कथा पूरी होनी चाहिए, परन्तु होती नहीं है। छुटकारा होता है महाभारत से। - ॐ शान्ति -...
13-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं यू आर माई बीलव्ड सन्स। हमारा आनंद, प्रेम, सुख तुम्हारा है क्योंकि तुमने वह दुनिया छोड़कर हमारी आकर गोद ली है। - ॐ शान्ति -...
“आत्मा और परमात्मा में गुणों और ताकत का फर्क”
“निराकार परमात्मा का रिजर्व तन ब्रह्मा तन है'' - ॐ शान्ति - ...
12-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तुम बच्चों का बाप श्रृंगार कर रहे हैं। पढ़ाते भी हैं - बेहद का बाप, ज्ञान का सागर है। हमको सारी सृष्टि के आदि मध्य अन्त का राज़ समझाते हैं। जो बाप को ही नहीं जानते, वह हैं नास्तिक। -ॐ शान्ति - ...
“ज्ञान, योग और दैवी गुणों की धारणा जीवन का आधार है”, “भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है”
यह तो अपने को निश्चय है कि परमपिता परमात्मा द्वारा हमें नॉलेज मिल रही है, इस नॉलेज मे मुख्य तीन प्वाइन्ट हैं जिसके लिये अपने को ध्यान रखना है... पढ़े - ॐ शान्ति -...
“निरंतर ईश्वरीय याद की बैठक”
परमात्मा की याद में बैठने का मतलब क्या है?, ईश्वर नाम रूप से न्यारा है तो फिर किस रूप को याद करें?, हम आत्मायें परमात्मा की अंश हैं?, पाए जवाब - ॐ शान्ति -...
11-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं - 5 विकारों का दान दो तो ग्रहण छूट जाए। अब तुमको श्रेष्ठाचारी बन स्वर्ग का सूर्यवंशी राज्य लेना है, तो भ्रष्टाचार को छोड़ना पड़ेगा। 5 विकारों का दान दो। - ॐ शान्ति -...