Tag: ईश्वरीय ज्ञान

7-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

चित के अन्दर यह प्रश्न उत्पन्न होने वाले को प्रश्नचित कहा जाता है और प्रश्नचित कभी सदा प्रसन्न नहीं रह सकता। उसके चित में सदा ‘क्यों'की क्यू लगी रहती है इसलिए उस क्यू को समाप्त करने में ही समय चला जाता है। - ॐ शान्ति ...

6-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जब बुद्धि सर्व आकर्षणों से मुक्त हो एक परमात्मा पर टिक जाती है, हलचल समाप्त हो जाती है तब एकरस अवस्था बनने से अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति होती है। - ॐ शांति। ...

5-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

भक्ति मार्ग में गणेश को विघ्न-विनाशक कहकर पूजते हैं, साथ-साथ उन्हें मास्टर नॉलेजफुल अर्थात् विद्यापति भी मानते हैं। तो जो बच्चे मास्टर नॉलेजफुल बनते हैं वे कभी विघ्नों से हार नहीं खा सकते क्योंकि नॉलेज को लाइट-माइट कहा जाता है, जिससे मंजिल पर पहुंचना सहज हो जाता है। -...

4-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे दीपावली पर श्रीलक्ष्मी का आह्वान करते हैं, ऐसे आप बच्चे स्वयं में दिव्यगुणों का आह्वान करो तो अवगुण आहुति रूप में खत्म होते जायेंगे। फिर नये संस्कारों रूपी नये वस्त्र धारण करेंगे। उसी का ही यादगार यह दीपावली है। - ॐ शान्ति। ...

3-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सतयुगी राजधानी के लिए राजयोग जरूर संगम पर ही सिखलायेंगे। सभी पतितों को पावन बनाते हैं। कहते हैं मैं आता हूँ बहुत जन्मों के अन्त के जन्म के अन्त में। जिसने पूरे 84 जन्म लिए हैं, उनके रथ में ही आकर समझाता हूँ। नई दुनिया तो है ही नहीं।...

2-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

चाहते भी हैं कि वन वर्ल्ड, वन राज्य, वन रिलीजन, वन भाषा हो। तुम समझा सकते हो - आज से 5 हजार वर्ष पहले एक राज्य, एक धर्म था, जिसको स्वर्ग कहा जाता है। - ॐ शान्ति। ...

1-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जिनके साथ स्वयं सर्वशक्तिमान् बाप है उनके सामने समस्या ठहर नहीं सकती। समस्या पैदा हो और वहाँ ही खत्म कर दो तो वृद्धि नहीं होगी। अब समस्याओं का बर्थ कन्ट्रोल करो। -ॐ शान्ति। ...

31-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो दिलवाला बाप को सदा पसन्द है वही संकल्प, बोल और कर्म करना है। यथार्थ चश्मे वाले सिर्फ बाप और आप को देखते हैं। दूसरा वा तीसरा क्या करता - वह नहीं देखते। मुझे ही बदलना है इसी धुन में सदा रहते हैं। ऐसे नहीं - दूसरा भी बदले...

30-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

स्तुति-निंदा सब कुछ सहन करते हुए बाप समान प्यार का सागर बनना है। चलन बड़ी रॉयल रखनी है। याद के बल से विश्व की बादशाही लेने का पुरुषार्थ करना है, अपनी जगी हुई ज्योत से सबकी ज्योत जगाकर सच्ची दीपावली मनानी है। - ॐ शान्ति। ...

29-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप द्वारा प्रापर्टी तो सबको एक जैसी मिली हुई है लेकिन जो मनन करके उसे अपना बनाते हैं, उन्हें उसका नशा और खुशी रहती है। उन्हें दुनिया की कोई भी चीज़, उलझन आकर्षित नहीं कर सकती। उन्हें दिव्य बुद्धि का वरदान स्वत: मिल जाता है। - ॐ शान्ति। ...