Tag: इश्वरीय ज्ञान

22-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सारे विश्व की आत्मायें परमात्मा को बाप कहती हैं लेकिन पालना और पढ़ाई के पात्र नहीं बनती हैं। सारे कल्प में आप थोड़ी सी आत्मायें अभी ही इस भाग्य के पात्र बनती हो। तो इस पालना का प्रैक्टिकल स्वरूप है - सहजयोगी जीवन। -ॐ शान्ति। ...

15-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

एकरस स्थिति में रहने की सहज विधि है एक की याद। एक बाबा दूसरा न कोई। एक बाप को याद करना अर्थात् सार स्वरूप बनना। तो एक बाप, दूसरा न कोई - यह एक की याद एकरस स्थिति बनाती है। जो एक सुखदाता बाप की याद में रहते हैं...

13-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली, रिवाइज: 10/01/90.

सदा निर्विघ्न वही रह सकता है जो सी फादर, फालो फादर करता है। अब बाप को फालो करते हुए बाप समान संस्कार बनाओ तो संस्कार मिलन की रास करते हुए सदा निर्विघ्न रहेंगे। शान्ति की शक्ति से अथवा शान्त रहने से कितना भी बड़ा विघ्न सहज समाप्त हो जाता...

12-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

संगमयुग पर सभी ब्राह्मण बच्चों को बाप द्वारा खुशी का खजाना मिलता है, इसलिए कुछ भी हो जाए - भल यह शरीर भी चला जाए लेकिन खुशी के खजाने को नहीं छोड़ना। सदा सर्व प्राप्तियों की स्मृति में रहना तो उदासी को तलाक मिल जायेगी। - ॐ शान्ति ...

1-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

चारों ओर आवाज का वायुमण्डल हो लेकिन आप एक सेकण्ड में फुलस्टॉप लगाकर व्यक्त भाव से परे हो जाओ, एकदम ब्रेक लग जाए तब कहेंगे अव्यक्त फरिश्ता वा अशरीरी। बुद्धि और कहाँ भी नहीं जाये, बस बाप और मैं, बुद्धि को जहाँ लगाने चाहें वहाँ लग जाए। -ॐ शान्ति।...

26-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

लौकिक सम्बन्धों में सेवा करते हुए सदा यही स्मृति रहे कि ये मेरे नहीं हैं, सभी बाप के बच्चे हैं। बाप ने इनकी सेवा अर्थ हमें निमित्त बनाया है। घर में नहीं रहते लेकिन सेवा-स्थान पर रहते हैं। मेरा सब तेरा हो गया। शरीर भी मेरा नहीं। मेरे में...

16-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बेहद का बाप इस बेहद की महफिल में गरीब बच्चों को गोद लेने के लिए आये हैं। जिस दिन बाप में निश्चय हुआ, वह दिन बड़े ही धूमधाम से मनाना चाहिए। वही तुम्हारे लिए जन्माष्टमी है। Om Shanti...