6-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “जब तक बेहद बाप को पहचानकर पावन नहीं बने हैं तब तक वर्सा मिल नही सकता”
वर्तमान समय विशेष माया का प्रभाव मन में निगेटिव भाव और भावना पैदा करने वा यथार्थ महसूसता को समाप्त करने का चल रहा है इसलिए पहले से ही सेफ्टी का साधन अपनाओ। इसका विशेष साधन है सिर्फ एक “पाइंट'' शब्द। कोई भी संकल्प, बोल वा कर्म व्यर्थ है तो...
5-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “जितना ज्ञान रत्नों का दान करेंगे उतना खजाना भरता जायेगा”
वर्तमान समय प्रकृति की तमोगुणी शक्ति और माया की सूक्ष्म रॉयल समझदारी की शक्ति अपना कार्य तीव्रगति से कर रही है। बच्चे प्रकृति के विकराल रूप को जान लेते हैं लेकिन माया के अति सूक्ष्म स्वरूप को जानने में धोखा खा लेते हैं इसलिए “अटेन्शन'' शब्द को अन्डरलाइन कर...
04-12-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 09-1-1993: “अव्यक्त वर्ष मनाना अर्थात् सपूत बन सबूत देना”
ज्ञान अर्थात् नॉलेज और नॉलेज इज़ लाइट, माइट कहा जाता है। जब लाइट अर्थात् रोशनी है कि ये रांग है, ये राइट है, ये अंधकार है, ये प्रकाश है, ये व्यर्थ है, ये समर्थ है तो लाइट और माइट से सम्पन्न आत्मा कभी अंधकार में नहीं रह सकती।-ज्ञानी तू...
2-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “यहाँ तो बाप ने एक ही मंत्र दिया है कि बच्चे चुप रहकर मुझे याद करो”
सदैव स्मृति में रखो कि हर समय एवररेडी रहना है। किसी भी समय कोई भी परिस्थिति आ जाए लेकिन हम एवररेडी रहेंगे। कल भी विनाश हो जाए तो हम तैयार हैं। एवररेडी अर्थात् सम्पूर्ण। सम्पूर्ण बनने के लिए एक बाप दूसरा न कोई - यह तैयारी चाहिए। मन सदा...
1-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “योगेश्वर बाप आये हैं तुम्हें राजयोग सिखलाने”
जो सदा बापदादा के दिलतख्तनशीन रहते हैं वे बेफिक्र बादशाह बन जाते हैं क्योंकि इस तख्त की विशेषता है कि जो तख्तनशीन होगा वह सब बातों में बेफिक्र होगा।तो दिलतख्त की विशेषता है कि फिक्र आ नहीं सकता। यह दिलतख्त को वरदान मिला हुआ है, इसलिए कोई भी कार्य...
30-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “विशाल बुद्धि बन पूरे विश्व को दु:खधाम से सुखधाम – पतित से पावन बनाने की सेवा करनी है”
अभी के श्रेष्ठ संस्कारों से ही भविष्य संसार बनेगा। एक राज्य, एक धर्म के संस्कार ही भविष्य संसार का फाउण्डेशन हैं। स्वराज्य का धर्म वा धारणा है - मन-वचन-कर्म, सम्बन्ध-सम्पर्क में सब प्रकार की पवित्रता।जहाँ पवित्रता है वहाँ अपवित्रता अर्थात् व्यर्थ वा विकल्प का नामनिशान नहीं रहता, उन्हें ही...
29-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “आसुरी अवगुणों को छोड़ते जाओ पावन बनो”
बाप द्वारा जो भी शक्तियाँ मिली हैं उन सर्व शक्तियों को कार्य में लगाओ। समय पर शक्तियों को यूज़ करो। सिर्फ मालिकपन की स्मृति में रहकर फिर आर्डर करो तो शक्तियां आपका आर्डर मानेंगी। बापदादा सभी बच्चों को मालिक बनाते हैं, कमजोर नहीं। सब बच्चे राजा बच्चे हैं क्योंकि...
28-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सर्विस कर औरों को भी लायक बनाओ तब ऊंच पद के अधिकारी बनेंगे”
जो हो गया वो भी अच्छा, जो हो रहा है वह और अच्छा और जो होने वाला है वह और बहुत अच्छा। जो मास्टर त्रिकालदर्शी बच्चे हैं उन्हें निश्चय रहता कि कल्याणकारी समय है, बाप हमारा कल्याणकारी है और हम विश्व कल्याणकारी हैं तो हमारा अकल्याण हो नहीं सकता।...
27-11-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 31-12-1992: “सफलता प्राप्त करने का साधन – सब कुछ सफल करो”
जो बच्चे बाप के साथ सदा कम्बाइन्ड रह, प्यार से कहते हैं ‘मेरा बाबा' तो उन्हें परमात्म अधिकार प्राप्त हो जाता है। बेहद का दाता सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न कर देता है। तीनों लोकों के अधिकारी बन जाते हैं।उन्हें 21 जन्मों का गैरन्टी कार्ड मिल जाता है। तो यही...
“जिस समय “ओम् शान्ति” कहते हैं तो उसका यथार्थ अर्थ है?”
हम सालिग्राम बच्चे हैं तो इन्हों को अपने ज्योति स्वरूप परमात्मा के साथ योग रखना और लाइट माइट का वर्सा लेना है। उस निराकार परमात्मा को श्वांसों श्वांस याद करना इसको ही अजपाजाप कहा जाता है।- ओम् शान्ति।...