23-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
रात-दिन यही चिंतन करो। हम पतितों को पावन बनने का रास्ता कैसे बतायें! रास्ता बहुत सहज है। योगबल से ही हम सतोप्रधान बनेंगे। यह है अविनाशी सर्जन की दवाई। यह कोई मन्त्र आदि नहीं है। यह तो बाप को सिर्फ याद करना है। -ॐ शान्ति -...
22-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं - बच्चे झोली में 5 विकार दान में दे दो तो तुम्हारा ग्रहण छूट जाए। तुम भी अब सम्पूर्ण बनते हो तो बाप कहते हैं यह विकार दान में दे दो। तुमको स्वर्ग की बादशाही मिलती है। - ॐ शान्ति -...
19-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
अब बाप चैतन्य में आकर कहते हैं बच्चे मेरा बनो। मैं आया हूँ ले चलने। बिगर पवित्र बने तो चल नहीं सकते। पवित्र बनाने मुझे ही आना पड़ता है। सर्व का सद्गति दाता बाप तुम्हारे पास बैठा है। तुमको राजयोग सिखा रहे हैं, जो गीता के भगवान ने सिखाया...
18-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप समझाते हैं अब टाइम बहुत थोड़ा है। शरीर पर भरोसा नहीं है। बाप को याद करते रहो, स्वदर्शन चक्रधारी बनो। सारा दिन यही बातें ख्याल में रहे। - ॐ शान्ति -...
17-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
कहावत है दृष्टि से सृष्टि बदलती है। तो आपकी दृष्टि ऐसी सतोगुणी हो जो कैसी भी तमोगुणी वा रजोगुणी आत्मा की दृष्टि, वृत्ति और उनकी स्थिति बदल जाये। -ॐ शान्ति -...
16-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तुम बच्चे जानते हो इस ड्रामा अथवा सृष्टि रूपी कल्प वृक्ष की आयु 5 हजार वर्ष है। जैसे आम का बीज है, वह चैतन्य होता तो समझाता कि हम बीज हैं, हमसे यह झाड़ ऐसे निकला। परन्तु वह है जड़। चैतन्य झाड़ एक ही है। -ॐ शान्ति-...
15-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं - मुझे याद करने से तुम्हारे विकर्म विनाश होंगे और तुम सदा सुखी बनेंगे। अभी तुम बच्चे जानते हो बाप की श्रीमत पर चलना है। जैसे मैं शान्ति का सागर हूँ, प्यार का सागर हूँ, तुमको भी ऐसा बनाता हूँ। यह महिमा एक बाप की है।...
14-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
यह जो रामायण है, आज (दशहरे पर) जैसे इनका रामायण पूरा होने वाला है परन्तु पूरा होता नहीं। अगर रावण मरता है तो रामायण की कथा पूरी होनी चाहिए, परन्तु होती नहीं है। छुटकारा होता है महाभारत से। - ॐ शान्ति -...
13-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं यू आर माई बीलव्ड सन्स। हमारा आनंद, प्रेम, सुख तुम्हारा है क्योंकि तुमने वह दुनिया छोड़कर हमारी आकर गोद ली है। - ॐ शान्ति -...
“आत्मा और परमात्मा में गुणों और ताकत का फर्क”
“निराकार परमात्मा का रिजर्व तन ब्रह्मा तन है'' - ॐ शान्ति - ...