1-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बहुत-बहुत निडर बन कांटों को फूल बनाने की सेवा करनी है। सबमें अविनाशी बीज बोते रहना है।क्रोध का बहुत बड़ा कांटा है, उसे छोड़ बहुत-बहुत प्यारा बनना है। प्यार से सर्विस करनी है। सर्विसएबुल का रिगार्ड रखना है। - ॐ शान्ति।...
30-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
अपना कल्याण करने लिए बाप की आज्ञा माननी है। बापदादा की कभी भी अवज्ञा नहीं करनी है। कोई भी लोभ, मोह की आदत नहीं रखनी है। अपना स्वभाव बहुत रॉयल बनाना है। सवेरे-सवेरे अमृतवेले उठ बाप को याद करने का अभ्यास करना है। - ॐ शान्ति।...
29-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
आप बच्चे आलमाइटी गवर्मेन्ट के मैसेन्जर हो इसलिए याद का मन्त्र यूज़ करना। आपके पास आत्मिक दृष्टि का नेत्र और मनमनाभव का मन्त्र है जिससे अपने संकल्पों को सिद्ध कर सिद्धि स्वरूप बन सकते हो। - ॐ शान्ति। ...
28-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
यदि बाप के समीप रहना पसन्द है तो कभी कोई भी संगदोष से दूर रहना। सब संगदोषों से अपने को बचाने वाले ही पास विद आनर "होली हँस" बनते हैं। संगदोष कई प्रकार का होता है, व्यर्थ संकल्पों वा माया की आकर्षण के संकल्पों का संग, सम्बन्धियों का संग,...
27-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
आप होली हसों का स्वरूप है पवित्र और कर्तव्य है सदैव गुणों रूपी मोती चुगना। इस कर्तव्य को पालन करने के लिए सदैव एक आज्ञा याद रहे कि न बुरा सोचना है, न बुरा सुनना है, न बुरा देखना है, न बुरा बोलना है.... जो इस आज्ञा को सदा...
26-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सिर्फ स्वयं के संस्कारों को परिवर्तन करने में कोमल बनो, कर्म में कभी कोमल नहीं बनना, इसमें शक्ति रूप बनना है। जो शक्ति रूप का कवच धारण कर लेते हैं उन्हें माया का कोई भी तीर लग नहीं सकता इसलिए आपके चेहरे, नयन-चैन से कोमलता के बजाए शक्ति...
25-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सबसे अच्छी बात है कि बाप से बहुत लॅव होना चाहिए। बाप जो फुरना देते हैं उसको धारण करना और दूसरों को दान देना है। जितना दान देंगे उतना इकट्ठा हो जायेगा। सर्विस ही नहीं करेंगे तो धारणा कैसे होगी। सर्विस में बुद्धि चलनी चाहिए। - ॐ शान्ति।...
24-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सम्पूर्ण वफादार उन्हें कहा जाता है जिनके संकल्प वा स्वप्न में भी सिवाए बाप के और बाप के कर्तव्य वा बाप की महिमा के, बाप के ज्ञान के और कुछ भी दिखाई न दे। पहला वायदा है और संग तोड़ एक संग जोड़ - इस वायदे को निभाना अर्थात्...
23-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सूक्ष्म और मुख्य फरमान है निरन्तर याद में रहो वा मन-वचन-कर्म से पवित्र बनो। संकल्प में भी अपवित्रता व अशुद्धता न हो। यदि संकल्प में भी पुराने अशुद्ध संस्कार टच करते हैं तो सम्पूर्ण वैष्णव वा सम्पूर्ण पवित्र नहीं कहेंगे इसलिए कोई एक संकल्प भी फरमान के सिवाए न...
22-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
एक संकल्प भी फरमान के बिना नहीं करते उन्हें फर्स्ट प्राइज़ प्राप्त होती है। जैसे सीता को लकीर के अन्दर बैठने का फरमान था, ऐसे हर कदम उठाते हुए, हर संकल्प करते हुए बाप के फरमान की लकीर के अन्दर रहो तो सदा सेफ रहेंगे। - ॐ शान्ति। ...