Tag: अध्यातम ज्ञान

8-1-2023 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 23-4-1993: “निश्चयबुद्धिभव – अमरभव”

बेफिक्र रहने की बादशाही सब बादशाहियों से श्रेष्ठ है। भाग्य विधाता भगवान ने आपके मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर खींच दी, बेफिक्र बादशाह हो गये। तो सदा अपने मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर देखते रहो - वाह मेरा श्रेष्ठ ईश्वरीय भाग्य, इसी फ़खुर में रहो तो सब...

7-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें बाप द्वारा बाप की लीला अर्थात् ड्रामा के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान मिला है”

जैसे कमल पुष्प कीचड़ पानी में होते भी न्यारा रहता है। और जितना न्यारा उतना सबका प्यारा है। ऐसे आप बच्चे दु:ख के संसार से न्यारे और बाप के प्यारे हो गये, यह परमात्म प्यार छत्रछाया बन जाता है।इसलिए फ़खुर में रहो कि हम परमात्म छत्रछाया में रहने वाले...

6-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप आये हैं ज्ञान से गति सद्गति करने”

जो बच्चे कर्मेन्द्रियों के वश होकर कहते हैं कि आज आंख ने, मुख ने वा दृष्टि ने धोखा दे दिया, तो धोखा खाना अर्थात् दु:ख की अनुभूति होना। लेकिन जो स्वदर्शन चक्रधारी बच्चे हैं वह कभी किसी धोखे के चक्कर में नहीं आ सकते। वह तो दु:ख के चक्करों...

5-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप आये हैं ज्ञान से गति सद्गति करने”

सदा यह नशा रखो कि बेहद बाप और बेहद वर्से का बालक सो मालिक हूँ लेकिन जब कोई राय देनी है, प्लैन सोचना है, कार्य करना है तो मालिक होकर करो और जब मैजॉरिटी द्वारा या निमित्त बनी आत्माओं द्वारा कोई भी बात फाइनल हो जाती है तो उस...

4-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम लकी सितारे हो क्योंकि स्वयं ज्ञान सूर्य बाप तुम्हें सम्मुख पढ़ा रहे हैं”

जैसे अमृतवेले उठने की आज्ञा है तो उठकर बैठ जाते हैं लेकिन विधि से सिद्धि को प्राप्त नहीं करते, स्वीट साइलेन्स के साथ निद्रा की साइलेन्स मिक्स हो जाती है। ऐसी छोटी-छोटी अवज्ञायें मन को भारी कर देती हैं। अब इन्हें समाप्त कर आज्ञाकारी चरित्र का चित्र बनाओ तब...

3-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “यह सृष्टि वा जमाना दु:ख का है इससे नष्टोमोहा बनो”

आज्ञाकारी अर्थात् बापदादा के आज्ञा रूपी कदम पर कदम रखने वाले। ऐसे आज्ञाकारी को ही सर्व संबंधों से परमात्म दुआयें मिलती हैं। यह भी नियम है। यह तो परमात्म दुआयें हैं जो आज्ञाकारी आत्माओं को सदा डबल लाइट बना देती हैं। - ओम् शान्ति।...

2-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें बेहद का बाप सारी पुरानी दुनिया का संन्यास सिखलाते हैं”

जैसे आजकल की दुनिया में बड़ी पोजीशन वाले अपने कार्य की दिनचर्या को समय प्रमाण सेट करते हैं ऐसे आप जो विश्व के नव निर्माण के आधारमूर्त हो, बेहद ड्रामा के अन्दर हीरो एक्टर हो, हीरे तुल्य जीवन वाले हो, आप भी अपने मन और बुद्धि को समर्थ स्थिति...

01-1-2023 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 26-3-1993: “अव्यक्त वर्ष में लक्ष्य और लक्षण को समान बनाओ”

आप बच्चे मरजीवा बने ही हो सदा सन्तुष्ट रहने के लिए। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ सर्वगुण और सर्वशक्तियां हैं क्योंकि रचयिता को अपना बना लिया, तो बाप मिला सब कुछ मिला। सर्व इच्छायें इक्ट्ठी करो उनसे भी पदमगुणा ज्यादा मिला है। उसके आगे इच्छायें ऐसे हैं जैसे सूर्य के...

31-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सबको बाप का परिचय देना है”

महानता की निशानी निर्मानता है। जितना महान उतना निर्मान क्योंकि सदा भरपूर हैं। जैसे वृक्ष जितना भरपूर होगा उतना झुका हुआ होगा। तो निर्मानता ही सेवा करती है और जो निर्मान रहता है वह सर्व द्वारा मान पाता है। - ओम् शान्ति।...

30-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “दूरदेश से बाप आये हैं धर्म और राज्य दोनों की स्थापना करने”

सर्व शक्तियों से सम्पन्न निश्चयबुद्धि बच्चों की विजय निश्चित है ही। आपके पास तो सब शक्तियां हैं। सबसे बड़ा धन अविनाशी धन सदा साथ है, तो धन की भी शक्ति है, बुद्धि और पोजीशन की भी शक्ति है, इन्हें सिर्फ यूज़ करो, स्व के प्रति कार्य में लगाओ तो समय...