Tag: अध्यातम ज्ञान

“दुनिया में अनेक प्रकारों की मत से परमात्मा की श्रेष्ठ मत”

मनुष्य में जब दैवी-गुण हैं तो उन्हें देवता कहते हैं। अब यह मत हमको परमात्मा द्वारा मिल रही है, हम मनुष्य मत या गुरू मत पर नहीं हैं। हम चल रहे हैं परमात्मा की मत पर,सभी आत्माओं से परमात्मा की जरूर श्रेष्ठ मत होगी। - ॐ शान्ति ...

6-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली – रिवाइज: 06/01/90.

ज्ञान रत्नों का खजाना सबसे श्रेष्ठ खजाना है, इस खजाने द्वारा इस समय ही मुक्ति-जीवनमुक्ति की अनुभूति कर सकते हो। अनेक व्यर्थ संकल्पों से, विकल्पों से और विकर्मो से सदा मुक्त रहना - यही मुक्त और जीवनमुक्त अवस्था है। - ॐ शान्ति। ...

5-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

हम कल्प-कल्प की विजयी आत्मा हैं, विजय का तिलक मस्तक पर सदा चमकता रहे तो यह विजय का तिलक औरों को भी खुशी दिलायेगा क्योंकि विजयी आत्मा का चेहरा सदा ही हर्षित रहता है। जब अन्त में किसी के पास सुनने का समय नहीं होगा तब आपका आकर्षण मूर्त...

4-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

अपने संस्कार विशेष हैं, बुद्धि विशेष है, गुण विशेष हैं, कलायें विशेष हैं, कोई शक्ति विशेष है - उसका अभिमान अर्थात् अंहकार, नशा, रोब - ये सूक्ष्म देह-अभिमान है। तो यह अभिमान कभी भी आकारी फरिश्ता वा निराकारी बनने नहीं देगा, इसलिए इसके अंश मात्र का भी त्याग करो...

3-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे बाप परम आत्मा है, वैसे विशेष पार्ट बजाने वाले बच्चे भी हर बात में परम यानी श्रेष्ठ हैं। सिर्फ चलते-फिरते, खाते-पीते विशेष पार्टधारी समझकर ड्रामा की स्टेज पर पार्ट बजाओ। हर समय अपने कर्म अर्थात् पार्ट पर अटेन्शन रहे। - ॐ शान्ति। ...

2-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

ब्राह्मण बनना अर्थात् नॉलेज की लाइट-माइट के स्मृति स्वरूप बनना। जो स्मृति स्वरूप हैं, वह स्वयं भी सन्तुष्ट रहते और दूसरों को भी सन्तुष्ट करते हैं। - ॐ शान्ति। ...

1-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

चारों ओर आवाज का वायुमण्डल हो लेकिन आप एक सेकण्ड में फुलस्टॉप लगाकर व्यक्त भाव से परे हो जाओ, एकदम ब्रेक लग जाए तब कहेंगे अव्यक्त फरिश्ता वा अशरीरी। बुद्धि और कहाँ भी नहीं जाये, बस बाप और मैं, बुद्धि को जहाँ लगाने चाहें वहाँ लग जाए। -ॐ शान्ति।...

31-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

समय प्रमाण लव और लॉ दोनों का बैलेन्स चाहिए। लॉ में भी लव महसूस हो, इसके लिए आत्मिक प्यार की मूर्ति बनो तब हर समस्या को हल करने में सहयोगी बन सकेंगे। शिक्षा के साथ सहयोग देना ही आत्मिक प्यार की मूर्ति बनना है। - ॐ शान्ति। ...

30-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

कर्म में, वाणी में, सम्पर्क व सम्बन्ध में लव और स्मृति व स्थिति में लवलीन रहना है, जो जितना लवली होगा, वह उतना ही लवलीन रह सकता है। अभी आप बच्चे बाप के लव में लवलीन रह औरों को भी सहज आप-समान व बाप-समान बना देते हो। - ॐ...

29-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

परमात्म प्यार इस श्रेष्ठ ब्राह्मण जन्म का आधार है। कहते भी हैं प्यार है तो जहान है, जान है। प्यार नहीं तो बेजान, बेजहान है। प्यार मिला अर्थात् जहान मिला।तो सदा प्यार के सागर में लवलीन रहो। - ॐ शान्ति। ...