18-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बापदादा को साधारण आत्मायें ही पसन्द हैं। बाप स्वयं भी साधारण तन में आते हैं।ड्रामानुसार संगमयुग पर साधारण बनना भी भाग्य की निशानी है। साधारण बच्चे ही भाग्य विधाता बाप को अपना बना लेते हैं, इसलिए अनुभव करते हैं कि “भाग्य पर मेरा अधिकार है।'' ऐसे अधिकारी ही पदमापदम...
16-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
आपका एक शुद्ध वा श्रेष्ठ शक्तिशाली संकल्प बहुत कमाल कर सकता है। शुद्ध संकल्पों का बंधन वा घेराव कमजोर आत्माओं के लिए छत्रछाया बन, सेफ्टी का साधन वा किला बन जाता है। यदि दृढ़ संकल्प करो तो आपका साथी स्वयं बाप है, विजय का तिलक सदा है ही सिर्फ...
15-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
एकरस स्थिति में रहने की सहज विधि है एक की याद। एक बाबा दूसरा न कोई। एक बाप को याद करना अर्थात् सार स्वरूप बनना। तो एक बाप, दूसरा न कोई - यह एक की याद एकरस स्थिति बनाती है। जो एक सुखदाता बाप की याद में रहते हैं...
14-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
अल्पकाल के आधारों का सहारा, जिसको किनारा बनाकर रखा है। यह अल्पकाल के सहारे के किनारे अभी छोड़ दो। अल्पकाल की बातें धोखेबाज हैं, इसलिए समय की तीव्रगति को देख अब इन किनारों से तीव्र उड़ान कर सेकण्ड में क्रॉस करो - तब कहेंगे यथार्थ पुरूषार्थी। - ॐ शान्ति।...
13-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली, रिवाइज: 10/01/90.
सदा निर्विघ्न वही रह सकता है जो सी फादर, फालो फादर करता है। अब बाप को फालो करते हुए बाप समान संस्कार बनाओ तो संस्कार मिलन की रास करते हुए सदा निर्विघ्न रहेंगे। शान्ति की शक्ति से अथवा शान्त रहने से कितना भी बड़ा विघ्न सहज समाप्त हो जाता...
12-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
संगमयुग पर सभी ब्राह्मण बच्चों को बाप द्वारा खुशी का खजाना मिलता है, इसलिए कुछ भी हो जाए - भल यह शरीर भी चला जाए लेकिन खुशी के खजाने को नहीं छोड़ना। सदा सर्व प्राप्तियों की स्मृति में रहना तो उदासी को तलाक मिल जायेगी। - ॐ शान्ति ...
11-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सर्व की दुआयें उन्हें मिलती हैं जो स्वयं सन्तुष्ट रहकर सबको सन्तुष्ट करते हैं। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ दुआयें हैं। सिर्फ अमृतवेले से लेकर रात तक दुआयें देने और दुआयें लेने का एक ही कार्य करो तो इसमें सब कुछ आ जायेगा। कोई दु:ख भी दे तो भी आप...
10-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे स्थूल दुनिया में धूप वा बारिश से बचने के लिए छत्रछाया का आधार लेते हैं, वह है स्थूल छत्रछाया और यह है बाप की छत्रछाया, जो आत्मा को हर समय सेफ रखती है। दिल से बाबा कहा और सेफ। माया के प्रभाव का सेक-मात्र भी नहीं आ सकता।...
9-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जो बच्चे त्रिकालदर्शी स्थिति में स्थित रहते हैं वह अपनी स्व स्थिति द्वारा हर परिस्थिति को ऐसे पार कर लेते हैं जैसेकि कुछ था ही नहीं। नॉलेजफुल, त्रिकालदर्शी आत्मायें समय प्रमाण हर शक्ति को, हर प्वाइंट को, हर गुण को ऑर्डर से चलाते हैं। जिस समय जो शक्ति, जिस...
8-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
समाने की शक्ति को धारण कर सर्व खजानों से सम्पन्न बन उन्हें स्व के कार्य में अथवा अन्य की सेवा के कार्य में यूज करो। खजानों को यूज करने से अनुभवी मूर्त बनते जायेंगे। सुनना, समाना और समय पर कार्य में लगाना - इसी विधि से अनुभव की अथॉरिटी...