Tag: अध्यातम ज्ञान

2-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

स्वराज्य अधिकारी आत्मायें अपने योग की शक्ति द्वारा हर कर्मेन्द्रिय को ऑर्डर के अन्दर चलाती हैं। न सिर्फ यह स्थूल कर्मेन्द्रियां लेकिन मन-बुद्धि-संस्कार भी राज्य अधिकारी के डायरेक्शन अथवा नीति प्रमाण चलते हैं। स्वराज्य अधिकारी आत्मा को स्वप्न में भी धोखा नहीं मिल सकता।- ॐ शान्ति। ...

27-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

कई बच्चे चलते-चलते यह बहुत बड़ी गलती करते हैं - जो दूसरों के जज बन जाते हैं और अपने वकील बन जाते हैं।अब दूसरों के लिए ऐसी रिमार्क देने के बजाए स्वयं के जज बनो। स्वचिंतक बन स्वयं को देखो और स्वयं को परिवर्तन करो तब विश्व परिवर्तन होगा।...

26-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

समय की समीपता प्रमाण वर्तमान समय के वायुमण्डल में बेहद का वैराग्य प्रत्यक्ष रूप में होना आवश्यक है। यथार्थ वैराग्य वृत्ति का अर्थ है - सर्व के सम्बन्ध-सम्पर्क में जितना न्यारा, उतना प्यारा। जो न्यारा-प्यारा है वह निमित्त और निर्मान है, उसमें मेरेपन का भान आ नहीं सकता। तो...

25-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जिसमें परिवर्तन शक्ति है वो सबका प्यारा बनता है, वह विचारों में भी सहज होगा। उसमें मोल्ड होने की शक्ति होगी। यह मेरापन आया माना अलाए मिक्स हुआ। इसलिए समय और वायुमण्डल को परखकर स्वयं को परिवर्तन कर लो - तो सर्व के स्नेही, नम्बरवन विजयी बन जायेंगे।- ॐ...

24-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

इस पुरानी दुनिया से उपराम रहना है। स्वच्छ बुद्धि बन ज्ञान धारण करके फिर दूसरों को धारण कराना है। विचार सागर मंथन करना है।बाप समान रहमदिल बन सबको आसुरी मत से छुड़ाना है।- ॐ शान्ति। ...

23-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

यदि कोई भी गलती हो जाती है तो गलती होने के बाद क्यों, क्या, कैसे, ऐसे नहीं वैसे...यह सोचने में समय नहीं गंवाओ। व्यर्थ संकल्पों के तेज बहाव को परिवर्तन शक्ति द्वारा सेकण्ड में स्टॉप कर दो तो निर्विकल्प स्थिति बन जायेगी। जब यह संस्कार इमर्ज हो तब कहेंगे...

22-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सारे विश्व की आत्मायें परमात्मा को बाप कहती हैं लेकिन पालना और पढ़ाई के पात्र नहीं बनती हैं। सारे कल्प में आप थोड़ी सी आत्मायें अभी ही इस भाग्य के पात्र बनती हो। तो इस पालना का प्रैक्टिकल स्वरूप है - सहजयोगी जीवन। -ॐ शान्ति। ...

21-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सबसे बड़ी अथॉरिटी अनुभव की है। जैसे सोचते और कहते हो कि आत्मा शान्त स्वरूप, सुख स्वरूप है - ऐसे एक-एक गुण वा शक्ति की अनुभूति करो और उन अनुभवों में खो जाओ।अनुभवी मूर्त बनना ही श्रेष्ठ पुरूषार्थ की निशानी है। तो अनुभवों को बढ़ाओ।- ॐ शान्ति। ...

20-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.रिवाइज: 14/01/90.

दृढ़ निश्चय भाग्य को निश्चित कर देता है। जैसे ब्रह्मा बाप फर्स्ट नम्बर में निश्चित हो गये, ऐसे हमें फर्स्ट डिवीजन में आना ही है - यह दृढ़ निश्चय हो। साथ के अनुभव को बढ़ाओ तो सब सहज हो जायेगा, जिसके साथ स्वयं सर्वशक्तिमान् बाप है उसके आगे माया...

19-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

परमात्म प्यार ऐसा सुखदाई है जो उसमें यदि खो जाओ तो यह दुख की दुनिया भूल जायेगी। इस जीवन में जो चाहिए वो सर्व कामनायें पूर्ण कर देना - यही तो परमात्म प्यार की निशानी है।इसलिए मांगने की आवश्यकता नहीं, सिर्फ मिले हुए खजाने को विधि पूर्वक समय प्रति...