Tag: अध्यातम ज्ञान

“कर्मबन्धन से रहित जीवनमुक्त”

“कर्मबन्धन से रहित जीवनमुक्त” - आगे का संसार सतयुग था जिसको फूलों की दुनिया कहते हैं। अब वो है कर्मबन्धन से रहित जीवनमुक्त देवी देवताओं का राज्य। - ओम् शान्ति।...

31-7-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “यथार्थ चार्ट प्रगति और परिवर्तन”

जिम्मेवार बाप है, मैं निमित्त मात्र हूँ - यह स्मृति हल्का बना देती है इसलिए अपने पुरूषार्थ का बोझ, सेवाओं का बोझ, सम्पर्क-सम्बन्ध निभाने का बोझ...सब छोटे-मोटे बोझ बाप को देकर हल्के हो जाओ।निमित्त समझने से निर्मानता का गुण भी स्वत: आ जाता है।- ओम् शान्ति।...

30-7-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “जीते जी सच्चे परवाने बनो।”

जैसे समय की रफ्तार तीव्रगति से सदा आगे बढ़ती रहती है। समय कभी रूकता नहीं, यदि उसे कोई रोकना भी चाहे तो भी रूकता नहीं। समय तो रचना है, आप रचयिता हो इसलिए कैसी भी परिस्थिति अथवा समस्याओं के पहाड़ भी आ जायें तो भी उड़ने वाले कभी रुकेंगे...

29-7-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “तुम्हें अपने हमजिन्स का उद्धार करना है।”

स्थिति का आधार स्मृति है। आप सिर्फ स्मृति स्वरूप बनो, तो स्मृति आने से जैसी स्मृति वैसी स्थिति स्वत: हो जायेगी। खुशी की स्मृति में रहो तो स्थिति भी खुशी की बन जायेगी आप सुख के सागर के बच्चे सदा खुश रहने वाले दु:खों से न्यारे सुख-स्वरूप हो, इसलिए...

28-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “पढ़ाई में अथक बनना अर्थात् कर्मातीत अवस्था”

आपका स्लोगन है “बदला न लो बदलकर दिखाओ''। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। कई बच्चे सोचते हैं यह ठीक हो तो मैं ठीक हो जाऊं, यह सिस्टम ठीक हो तो मैं ठीक रहूँ। पहले स्व को बदलो तो विश्व बदल जायेगा। इसके लिए सर्व खजानों के मालिक बन समय...

27-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “अब ईश्वरीय गुण धारण कर स्वराज्य लेना है”

सर्व की दुआये लेनी हैं तो शिक्षक बनने के साथ-साथ मास्टर मर्सीफुल बनो। रहमदिल बन क्षमा करो तो यह क्षमा करना ही शिक्षा देना हो जायेगा। अभी से दुआयें देने के संस्कार पक्के करो तो आपके जड़ चित्रों से भी दुआयें लेते रहेंगे, इसके लिए हर कदम श्रीमत प्रमाण...

26-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “डबल सिरताज – अननोन वारियर्स”.

पदमापदम भाग्यवान बच्चे सदा परमात्म प्यार में लवलीन रहते हैं। परमात्म प्यार की शक्ति किसी भी परिस्थिति को श्रेष्ठ स्थिति में बदल देती है। असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं। मुश्किल सहज हो जाता है क्योंकि बापदादा का वायदा है कि हर समस्या को पार करने में प्रीति...

“मुक्ति और जीवनमुक्ति की स्टेज”

“मुक्ति और जीवनमुक्ति की स्टेज”- जो मनुष्यों की चाहना द्वापर से लेकर कलियुग के अन्त तक उठती आई है कि हम जन्म-मरण के चक्र में न आवें, वो आश अब पूर्ण होती है।- ओम् शान्ति।...

25-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

रोज़ अपने सहयोगी सर्व कर्मचारियों की राज्य दरबार लगाओ और चेक करो कि कोई भी कर्मेन्द्रिय वा कर्मचारी से बार-बार गलती तो नहीं होती है!इसलिए नॉलेज की शक्ति से चेक करने के साथ-साथ चेंज कर दो तब कहेंगे सफल स्वराज्य अधिकारी। - ओम् शान्ति।...

“अपने को स्वयं परमात्मा बता रहे हैं, कि असुल में सृष्टि कैसे पैदा हुई?”

गीता में है भगवानुवाच "जब मैं आता हूँ तो आसुरी दुनिया का विनाश कर दैवी दुनिया की स्थापना करता हूँ अर्थात् कलियुगी तमोगुणी अपवित्र आत्माओं को पवित्र बनाता हूँ।"- ओम् शान्ति।...