20-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जीवन में उड़ती कला वा गिरती कला का आधार दो बातें हैं - भावना और भाव। सर्व के प्रति कल्याण की भावना, स्नेह-सहयोग देने की भावना, हिम्मत-उल्लास बढ़ाने की भावना, आत्मिक स्वरूप की भावना वा अपने पन की भावना ही सद्भावना है, ऐसी भावना वाले ही अव्यक्त स्थिति में...
19-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
Always remain merged and lost in God’s love, then the sparkle and intoxication on your face and the rays of experience will be so powerful that let alone any problem coming to you, it will not even be able to look you in the eye. You will not experience...
19-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
परमात्म प्यार में सदा लवलीन, खोये हुए रहो तो चेहरे की झलक और फ़लक, अनुभूति की किरणें इतनी शक्तिशाली होंगी जो कोई भी समस्या समीप आना तो दूर लेकिन आंख उठाकर भी नहीं देख सकती। किसी भी प्रकार की मेहनत अनुभव नहीं होगी। -ॐ शान्ति। ...
18 जनवरी, अव्यक्त-दिवस पिता श्री स्मृति दिवस. 18th January, Avyakt Pita Shri Remembrance Day. [ PICTURES ]
18 जनवरी,अव्यक्त बापदादा -
अव्यक्त पिता श्री स्मृति दिवस.
...
18-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli: 18th January 1969, Pita Shri Avyakt-Day Remembrance.
The Father has so much to give you children that He sustains you children from amrit vela. The beginning of the day is so elevated! God Himself calls you to celebrate a meeting with Him. He has a heart-to-heart conversation with you and fills you with power.Experience the practical...
18-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : 18th जनवरी 1969, पिता श्री अव्यक्ती-स्मृति दिवस।
बाप का बच्चों से इतना प्यार है जो अमृतवेले से ही बच्चों की पालना करते हैं। दिन का आरम्भ ही कितना श्रेष्ठ होता है! स्वयं भगवन मिलन मनाने के लिये बुलाते हैं, रुहरिहान करते हैं, शक्तियाँ भरते हैं!तो इस प्यार की पालना का प्रैक्टिकल स्वरूप ‘सहज योगी जीवन' का...
17-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
Father Brahma created in himself sanskars, which he reminded all the children of in his final moments: incorporeal, viceless and egoless. These sanskars of Father Brahma are the natural sanskars of Brahmins. Always keep these elevated sanskars in front of you. By imbibing these sanskars, you will become a...
17-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे ब्रह्मा बाप ने जो अपने संस्कार बनाये, वह सभी बच्चों को अन्त समय में याद दिलाये - निराकारी, निर्विकारी और निरंहकारी - तो यह ब्रह्मा बाप के संस्कार ही ब्राह्मणों के संस्कार नेचुरल हों। सदा इन्हीं श्रेष्ठ संस्कारों को सामने रखो। इन्हीं संस्कारों को धारण करने से स्व...
16-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
God’s love gives so much happiness that if you become lost in this love for even one second, you will forget all the many types of sorrow and will begin to swing in the swing of happiness for all time. -Om Shanti ....
16-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
यह परमात्म प्यार ऐसा सुखदाई प्यार है जो इस प्यार में एक सेकण्ड भी खो जाओ तो अनेक दु:ख भूल जायेंगे और सदा के लिए सुख के झूले में झूलने लगेंगे। - ॐ शान्ति। ...