25-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जैसे बाप बड़े से बड़े परिवार वाला है लेकिन जितना बड़ा परिवार है, उतना ही न्यारा और सर्व का प्यारा है, ऐसे फालो फादर करो। संगठन में रहते सदा निर्विघ्न और सन्तुष्ट रहने के लिए जितनी सेवा उतना ही न्यारा पन हो। कितना भी कोई हिलावे,लेकिन संकल्प में भी...

25-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The Father has the largest family of all, but the larger the family, the more He is detached and loving to all Follow the Father in the same way. While being in a gathering, in order to be constantly free from obstacles and stay content, be just as detached...

24-06-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:15/12/1963.

The pleasure of Brahmin life is in the stage of liberation in life. Those who remain constantly aware of their worthy-of-worship form cannot have their eyes drawn to anything except the Father. They are never tied in any bondage and constantly continue to experience the stage of liberation in...

24-6-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:15-12-1963.

ब्राह्मण जीवन का मजा जीवनमुक्त स्थिति में है। जिन्हें अपने पूज्य स्वरूप की सदा स्मृति रहती है उनकी आंख सिवाए बाप के और कहाँ भी डूब नहीं सकती।वे कभी किसी बंधन में बंध नहीं सकते। सदा जीवन-मुक्त स्थिति का अनुभव करते हैं। - ओम् शान्ति।...

23-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो बच्चे श्रेष्ठ मत प्रमाण हर कर्म करते हुए बेहद के रूहानी नशे में रहते हैं, वह कर्म करते कर्म के बंधन में नहीं आते, न्यारे और प्यारे रहते हैं। कर्मयोगी बनकर कर्म करने से सदा मालिक होकर कर्म कराते हैं इसलिए बन्धनमुक्त स्थिति का अनुभव होता है। ऐसी...

23-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The children who perform every action according to the elevated directions have unlimited spiritual intoxication. While performing actions, they do not attract any bondage of karma; they are detached and loving. By performing actions a karma yogis, always perform actions as masters and this is why they experience the...

“परमात्मा के बारे में अनेक मनुष्यों की मत का आखरीन फैंसला”

दुनिया जानती है कि परमात्मा एक है, उस ही परमात्मा को कोई शक्ति मानते हैं, कोई कुदरत कहते हैं, मतलब कोई न कोई रूप में जरुर मानते हैं.... - ओम् शान्ति।...

22-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Even if something is totally bad, there will definitely be one or other good within it This is why it is said: Whatever is happening is good and whatever is to happen will be even better. You simply need to have an intellect to take the goodness from it....

22-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

चाहे सारी बात बुरी हो लेकिन उसमें भी एक दो अच्छाई जरूर होती हैं, इसलिए कहते हैं जो हो रहा है वह अच्छा और जो होना है वह और अच्छा। अच्छाई उठाने की सिर्फ बुद्धि चाहिए। बुराई को न देख अच्छाई उठा लो तो नम्बरवन बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...