28-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सतगुरू द्वारा जन्मते ही पहला-पहला महामंत्र मिला - “पवित्र बनो-योगी बनो''। यह महामंत्र ही सर्व प्राप्तियों की चाबी है। अगर पवित्रता नहीं, योगी जीवन नहीं तो अधिकारी होते हुए भी अधिकार की अनुभूति नहीं कर सकते। - ओम् शान्ति।...
28-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
As soon as you took birth, the first great mantra you received from the Satguru was: Be pure, be yogi. This great mantra is the key to all attainments. If there isn’t purity, if there isn’t a yogi life, then, even though you have all rights, you will not...
“Difference between souls and the Supreme Soul.”
There is the one who fulfils the desire and this is why you remember that One. – Om Shanti....
“आत्मा और परमात्मा में फर्क”
जिस द्वारा वो इच्छा पूर्ण होती है वो अवश्य कोई देने वाला है, तभी तो उनको याद किया जाता है। - ओम् शान्ति।...
27-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
The Godly shrimat that you elevated, fortunate souls receive at the confluence age is your most elevated sustenance. You cannot take even one step without shrimat, that is, without God’s sustenance. You cannot receive such sustenance in the golden age. – Om Shanti....
27-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
संगमयुग पर आप श्रेष्ठ भाग्यवान आत्माओं को जो परमात्म श्रीमत मिल रही है - यह श्रीमत ही श्रेष्ठ पालना है। बिना श्रीमत अर्थात् परमात्म पालना के एक कदम भी उठा नहीं सकते। ऐसी पालना सतयुग में भी नहीं मिलेगी। - ओम् शान्ति...
“This Godly spiritual gathering is not a common gathering.”
A master teaches in a school every day and you earn a degree. In the same way, God in the form of the Guru, Father and Teacher teaches us and enables us to attain the deity status – Om Shanti....
“यह ईश्वरीय सतसंग कॉमन सतसंग नहीं है”
जैसे रोज़ाना स्कूल में मास्टर पढ़ाए डिग्री देता है, वैसे यहाँ भी स्वयं परमात्मा गुरु, पिता, टीचर के रूप में हमको पढ़ाए सर्वोत्तम देवी देवता पद प्राप्त कराते हैं - ओम् शान्ति।...
26-06-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:26-10-1991.
You Brahmin children have received this alokik birth directly from the eternal Father and the original Father. Those who have taken this birth from the Bestower of Fortune are so fortunate. By keeping your elevated fortune constantly in your awareness, you remain cheerful and you will then be said...
26-6-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:26-10-1991. “तपस्या का प्रत्यक्ष-फल – खुशी”.
आप ब्राह्मण बच्चों को डायरेक्ट अनादि पिता और आदि पिता द्वारा यह अलौकिक जन्म प्राप्त हुआ है। जिसका जन्म ही भाग्यविधाता द्वारा हुआ हो, वह कितना भाग्यवान हुआ। अपने इस श्रेष्ठ भाग्य को सदा स्मृति में रखते हुए हर्षित रहो- तब कहेंगे श्रेष्ठ भाग्यवान आत्मा। - ओम् शान्ति।...