13-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं यू आर माई बीलव्ड सन्स। हमारा आनंद, प्रेम, सुख तुम्हारा है क्योंकि तुमने वह दुनिया छोड़कर हमारी आकर गोद ली है। - ॐ शान्ति -...
“The difference between souls and the Supreme Soul is their virtues and strength.”
The body of Brahma is the reserved body of incorporeal God. - ॐ shanti -...
“आत्मा और परमात्मा में गुणों और ताकत का फर्क”
“निराकार परमात्मा का रिजर्व तन ब्रह्मा तन है'' - ॐ शान्ति - ...
12-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
The Father is now decorating you children. He is also teaching you. He is the unlimited Father, the Ocean of Knowledge. He is explaining the secrets of the beginning, the middle and the end of the whole world to you. Those who don't know the Father are atheists. -Om...
12-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तुम बच्चों का बाप श्रृंगार कर रहे हैं। पढ़ाते भी हैं - बेहद का बाप, ज्ञान का सागर है। हमको सारी सृष्टि के आदि मध्य अन्त का राज़ समझाते हैं। जो बाप को ही नहीं जानते, वह हैं नास्तिक। -ॐ शान्ति - ...
“ज्ञान, योग और दैवी गुणों की धारणा जीवन का आधार है”, “भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है”
यह तो अपने को निश्चय है कि परमपिता परमात्मा द्वारा हमें नॉलेज मिल रही है, इस नॉलेज मे मुख्य तीन प्वाइन्ट हैं जिसके लिये अपने को ध्यान रखना है... पढ़े - ॐ शान्ति -...
“The basis of life is gyan, yoga and the inculcation of divine virtues.”, “The ancient yoga of Bharat is taught by God.”
You have the faith that you are receiving knowledge from the Supreme Father, the Supreme Soul. There are three main points of this knowledge to which you have to pay full attention ... Read on - ॐ Shanti -...
“Sitting to have constant remembrance of God.”
in remembrance of God, what is the purpose of sitting?, God is beyond name and form, then in which form should we remember Him?, souls are parts of God?, Find out... - OM SHANTI - ...
“निरंतर ईश्वरीय याद की बैठक”
परमात्मा की याद में बैठने का मतलब क्या है?, ईश्वर नाम रूप से न्यारा है तो फिर किस रूप को याद करें?, हम आत्मायें परमात्मा की अंश हैं?, पाए जवाब - ॐ शान्ति -...
11-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
The Father says: Make the donation of the five vices and any eclipse will be removed. You now have to become elevated and claim the kingdom of the sun-dynasty heaven. You have to let go of corruption. Make a donation of the five vices. -Om Shanti -...