2-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

चाहते भी हैं कि वन वर्ल्ड, वन राज्य, वन रिलीजन, वन भाषा हो। तुम समझा सकते हो - आज से 5 हजार वर्ष पहले एक राज्य, एक धर्म था, जिसको स्वर्ग कहा जाता है। - ॐ शान्ति। ...

1-11-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Problems cannot stay in front of those who have the Almighty Authority Father with them. When problems arise, finish them there and then and they won’t increase. Now, have birth control of problems. - Om Shanti....

1-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जिनके साथ स्वयं सर्वशक्तिमान् बाप है उनके सामने समस्या ठहर नहीं सकती। समस्या पैदा हो और वहाँ ही खत्म कर दो तो वृद्धि नहीं होगी। अब समस्याओं का बर्थ कन्ट्रोल करो। -ॐ शान्ति। ...

31-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो दिलवाला बाप को सदा पसन्द है वही संकल्प, बोल और कर्म करना है। यथार्थ चश्मे वाले सिर्फ बाप और आप को देखते हैं। दूसरा वा तीसरा क्या करता - वह नहीं देखते। मुझे ही बदलना है इसी धुन में सदा रहते हैं। ऐसे नहीं - दूसरा भी बदले...

30-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Tolerate everything, praise and defamation and become an ocean of love, the same as the Father. Let your activity be very royal. Make effort to claim the sovereignty of the world with the power of yoga. Ignite the light of everyone with your ignited light and celebrate true Deepawali....

30-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

स्तुति-निंदा सब कुछ सहन करते हुए बाप समान प्यार का सागर बनना है। चलन बड़ी रॉयल रखनी है। याद के बल से विश्व की बादशाही लेने का पुरुषार्थ करना है, अपनी जगी हुई ज्योत से सबकी ज्योत जगाकर सच्ची दीपावली मनानी है। - ॐ शान्ति। ...

29-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

from the Father Everyone has received the same property, but those who churn it and make it their own have the intoxication and happiness of it. Those who remain intoxicated by churning cannot be pulled by anything or any problem of the world. They automatically receive the blessing of...

29-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप द्वारा प्रापर्टी तो सबको एक जैसी मिली हुई है लेकिन जो मनन करके उसे अपना बनाते हैं, उन्हें उसका नशा और खुशी रहती है। उन्हें दुनिया की कोई भी चीज़, उलझन आकर्षित नहीं कर सकती। उन्हें दिव्य बुद्धि का वरदान स्वत: मिल जाता है। - ॐ शान्ति। ...