“God’s elevated directions as distinct from all the many types of directions in the world.”
When human beings have divine virtues, they are called deities. We are receiving these directions from God, so we are not following human dictates or the dictates of gurus. We are following God’s directions. Definitely God’s directions are elevated compared the dictates of souls. - Om Shanti ....
“दुनिया में अनेक प्रकारों की मत से परमात्मा की श्रेष्ठ मत”
मनुष्य में जब दैवी-गुण हैं तो उन्हें देवता कहते हैं। अब यह मत हमको परमात्मा द्वारा मिल रही है, हम मनुष्य मत या गुरू मत पर नहीं हैं। हम चल रहे हैं परमात्मा की मत पर,सभी आत्माओं से परमात्मा की जरूर श्रेष्ठ मत होगी। - ॐ शान्ति ...
“God creates our fortune and we human souls ourselves who spoil our fortune.”
“It is God alone who awakens our fortune and this is why the memorials of His temples exist all the time.” - Om Shanti ....
“किस्मत बनाने वाला परमात्मा, किस्मत बिगाड़ने वाला खुद मनुष्य है”
“तकदीर को जगाने वाला एक ही परमात्मा है तभी तो उन्हों का यादगार मन्दिर कायम है।“ - ॐ शान्ति। ...
“The difference between souls and the Supreme Soul is their virtues and strength.”
The body of Brahma is the reserved body of incorporeal God. - ॐ shanti -...
“आत्मा और परमात्मा में गुणों और ताकत का फर्क”
“निराकार परमात्मा का रिजर्व तन ब्रह्मा तन है'' - ॐ शान्ति - ...
“ज्ञान, योग और दैवी गुणों की धारणा जीवन का आधार है”, “भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है”
यह तो अपने को निश्चय है कि परमपिता परमात्मा द्वारा हमें नॉलेज मिल रही है, इस नॉलेज मे मुख्य तीन प्वाइन्ट हैं जिसके लिये अपने को ध्यान रखना है... पढ़े - ॐ शान्ति -...
“The basis of life is gyan, yoga and the inculcation of divine virtues.”, “The ancient yoga of Bharat is taught by God.”
You have the faith that you are receiving knowledge from the Supreme Father, the Supreme Soul. There are three main points of this knowledge to which you have to pay full attention ... Read on - ॐ Shanti -...
“Sitting to have constant remembrance of God.”
in remembrance of God, what is the purpose of sitting?, God is beyond name and form, then in which form should we remember Him?, souls are parts of God?, Find out... - OM SHANTI - ...
“निरंतर ईश्वरीय याद की बैठक”
परमात्मा की याद में बैठने का मतलब क्या है?, ईश्वर नाम रूप से न्यारा है तो फिर किस रूप को याद करें?, हम आत्मायें परमात्मा की अंश हैं?, पाए जवाब - ॐ शान्ति -...