“How can the world cycle be of 5000 years?”
The Almighty Authority, God, Himself, tells us everything accurately and also grants us a vision with divine vision. So, would we not believe that?– Om Shanti....
“कैसे मानें कल्प 5 हजार वर्ष का है?”
अब अपने को तो स्वयं वर्ल्ड आलमाइटी अथॉरिटी परमात्मा एक्यूरेट सुनाता है और साथ साथ हमें दिव्य दृष्टि द्वारा साक्षात्कार भी कराता है, तो क्या हम उस पर विश्वास नहीं करेंगे? - ओम् शान्ति। ...
“So why is He called “Shiva” ?”
His memorial is worshipped in the form of a Shivlingam because God took birth in the land of Bharat so this land would definitely be mentioned.– Om Shanti....
“उसे फिर शिव नाम से क्यों बुलाते हैं?”
उनकी यादगार प्रतिमा शिवलिंग रूप में पूजी जाती है। सो भी खास करके भारत में पूजा ज्यादा होती है क्योंकि परमात्मा का जन्म भारत खण्ड में हुआ, तो जरूर इस देश का ही नाम पड़ेगा।- ओम् शान्ति।...
”Both souls and the Supreme Soul are eternal, why is God called the Creator?”
You have found God to show you the path of effort. You now have to walk along that path and create your Godly life in a practical way. This is true happiness.– Om Shanti....
“आत्मा और परमात्मा दोनों अनादि हैं तो फिर परमात्मा को रचयिता क्यों कहते हैं?”
परमात्मा मिला है पुरुषार्थ का मार्ग बताने के लिये, अब उस मार्ग पर चल प्रैक्टिकल ईश्वरीय जीवन बनाना, बस यही है सच्चा सुख।- ओम् शान्ति।...
“To imbibe is hard work – otherwise knowledge is a matter of a second.”
“To imbibe is hard work - otherwise knowledge is a matter of a second.” - if people were to understand their own souls religion in reality. – Om Shanti ...
“मेहनत धारण करने में बाकी ज्ञान तो सेकण्ड की बात है।”
“मेहनत धारण करने में बाकी ज्ञान तो सेकण्ड की बात है।” - अगर मनुष्य एक सेकेण्ड में सिर्फ अपने स्वधर्म को जान जावें ..... - ओम् शान्ति।...
“Liberation from karmic bondage”
“Liberation from karmic bondage”- the golden age and it was called the world of flowers. That world is free from karmic bondage, it was a kingdom of deities who were liberated in life. – Om Shanti....
“कर्मबन्धन से रहित जीवनमुक्त”
“कर्मबन्धन से रहित जीवनमुक्त” - आगे का संसार सतयुग था जिसको फूलों की दुनिया कहते हैं। अब वो है कर्मबन्धन से रहित जीवनमुक्त देवी देवताओं का राज्य। - ओम् शान्ति।...