“God take us children across to the other side” – what does “to the other side” mean? Do human beings go through 8.4 million species?”
Human beings take 84 births, but there must definitely be 8.4 million species of animals, birds, etc. in this world. There is the creation of many types, and human beings experience within that their sin and charity in the human birth and animals experience it in their birth....– Om...
“प्रभु हम बच्चों को उस पार ले चलो उस पार का मतलब क्या है? क्या मनुष्य मनुष्य 84 लाख योनियां भोगते हैं?”
सृष्टि पर जानवर पशु, पंछी आदि टोटल 84 लाख योनियां हो सकती हैं। अनेक किस्म की जैसे पैदाइश है, उसमें भी मनुष्य, मनुष्य योनी में ही अपना पाप पुण्य भोग रहे हैं। और जानवर अपनी योनियों में भोग रहे हैं।.... - ओम् शान्ति। ...
“तुम मात पिता हम बालक तेरे… अब यह महिमा किसके लिये गाई हुई है?”
अवश्य पर-मात्मा के लिये गायन है क्योंकि परमात्मा खुद माता पिता रूप में आए इस सृष्टि को अपार सुख देता है। जरूर परमात्मा ने कब सुख की सृष्टि बनाई है तभी तो उनको माता पिता कहकर बुलाते हैं।- ओम् शान्ति।...
“You are the Mother the Father we are your children … Now for whom is this glory sung?”
This is surely sung to God, because God Himself comes in the form of the Mother and Father and gives limitless happiness to this world. God definitely created a world of happiness at some point, for this is why they call out to Him as the Mother and Father.–...
“जिस समय “ओम् शान्ति” कहते हैं तो उसका यथार्थ अर्थ है?”
हम सालिग्राम बच्चे हैं तो इन्हों को अपने ज्योति स्वरूप परमात्मा के साथ योग रखना और लाइट माइट का वर्सा लेना है। उस निराकार परमात्मा को श्वांसों श्वांस याद करना इसको ही अजपाजाप कहा जाता है।- ओम् शान्ति।...
“Soundless (Ajapa jaap) chant that is constant yoga unbroken yoga.”
We saligrams are the children and so we have to have yoga with God, the form of light. We have to have yoga with Him and claim our inheritance of light and might from Him. To remember the incorporeal Supreme Soul in your every breath, this is called the...
“What is the basis of being unfortunate or fortunate?”
God who makes us fortunate and human beings themselves who become unfortunate. – Om Shanti....
“बदनसीबी और खुशनसीबी यह दो शब्दों का मदार किस पर चलता है?”
खुशनसीब बनाने वाला परमात्मा और बदनसीब बनाने वाला खुद ही मनुष्य है। - ओम् शान्ति।...
“The incorporeal world means the residence of souls.”
God is incorporeal and He definitely has a subtle form (point of light). So, the land of us souls and of God is the incorporeal world. – Om Shanti....
“निराकारी दुनिया अर्थात् आत्माओं का निवास।“
परमात्मा निराकार है लेकिन उनका अपना सूक्ष्म रूप अवश्य है। तो हम आत्मा और परमात्मा का धाम निराकारी दुनिया है।.... - ओम् शान्ति।...