Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

24-11-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Completely faithful children are those who do not have anyone except the Father, the Father’s task, the Father’s praise and the Father’s knowledge in their thoughts and dreams.your first promise is: I will break away from everyone else and connect myself to only the One. To fulfil this promise...

24-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सम्पूर्ण वफादार उन्हें कहा जाता है जिनके संकल्प वा स्वप्न में भी सिवाए बाप के और बाप के कर्तव्य वा बाप की महिमा के, बाप के ज्ञान के और कुछ भी दिखाई न दे। पहला वायदा है और संग तोड़ एक संग जोड़ - इस वायदे को निभाना अर्थात्...

23-11-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

The subtle and main order is: Constantly stay in remembrance and become pure in your thoughts, words and deeds. Let there not be any impurity or uncleanliness in your thoughts. If your old, impure sanskars touch your thoughts, you cannot be called perfect Vaishnavs or completely pure. So, do...

23-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सूक्ष्म और मुख्य फरमान है निरन्तर याद में रहो वा मन-वचन-कर्म से पवित्र बनो। संकल्प में भी अपवित्रता व अशुद्धता न हो। यदि संकल्प में भी पुराने अशुद्ध संस्कार टच करते हैं तो सम्पूर्ण वैष्णव वा सम्पूर्ण पवित्र नहीं कहेंगे इसलिए कोई एक संकल्प भी फरमान के सिवाए न...

22-11-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

those who have no single thought without an order claim first prize. For instance, Sita was ordered to stay within the line drawn for her. In the same way, while taking every step and having any thought, stay within the line of the Father’s orders and you will always...

22-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

एक संकल्प भी फरमान के बिना नहीं करते उन्हें फर्स्ट प्राइज़ प्राप्त होती है। जैसे सीता को लकीर के अन्दर बैठने का फरमान था, ऐसे हर कदम उठाते हुए, हर संकल्प करते हुए बाप के फरमान की लकीर के अन्दर रहो तो सदा सेफ रहेंगे। - ॐ शान्ति। ...

21-11-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

There cannot be pure feelings without pure desires. There is always the desire for mercy for all souls, that this soul too should be able to claim a right to the inheritance. There is compassion for every soul that this soul belongs to our Godly family and so why...

21-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

शुभभावना, शुभकामना के बिना हो नहीं सकती। हर आत्मा के प्रति सदैव रहम की कामना रहती कि यह आत्मा भी वर्से की अधिकारी बन जाए। हर आत्मा के प्रति तरस पड़ता है कि यह हमारे ही ईश्वरीय परिवार के हैं, तो इससे वंचित क्यों रहें? - ॐ शान्ति।...

20-11-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Your most powerful stage is based on your own experience. An experienced soul, with his will power of experience, can easily confront any of Maya’s powers, all situations and all problems and can also make all souls content. With the power to confront based on the will power of...

20-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सबसे पावरफुल स्टेज है अपना अनुभव।अनुभवी आत्मा अपने अनुभव की विल-पावर से माया की कोई भी पावर का, सभी बातों का, सर्व समस्याओं का सहज ही सामना कर सकती है और सभी आत्माओं को सन्तुष्ट भी कर सकती है। सामना करने की शक्ति से सर्व को सन्तुष्ट करने की...