Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

8-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Follow Father Brahma in the royalty you saw in his words, activity, face and behaviour. Father Brahma never let his intellect spend time on trivial matters. His attitude towards all souls was always full of good wishes and pure feelings. He constantly saw everyone as an angel. He constantly...

8-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

ब्रह्मा बाप के बोल, चाल, चेहरे और चलन में जो रायॅल्टी देखी - उसमें फालो करो। जैसे ब्रह्मा बाप ने कभी छोटी-छोटी बातों में अपनी बुद्धि वा समय नहीं दिया। उनकी वृत्ति हर आत्मा प्रति सदा शुभ भावना, शुभ कामना वाली रही, दृष्टि से सबको फरिश्ते रूप में देखा।...

7-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

You have become gyani and yogi souls. Now become souls who experiment by experimenting with the powers of knowledge and yoga. Just as some tools of science function with light, in the same way.If your stage is light and your form is double light, you will then easily achieve...

7-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

ज्ञानी-योगी आत्मा तो बने हो अभी ज्ञान, योग की शक्ति को प्रयोग में लाने वाले प्रयोगी आत्मा बनो। जैसे साइन्स के साधनों का प्रयोग लाइट द्वारा होता है। ऐसे साइलेन्स की शक्ति का आधार भी लाइट है। अगर स्थिति और स्वरूप डबल लाइट है तो प्रयोग की सफलता सहज...

6-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Constantly keep in your awareness that you are the stars of the Father’s eyes. “Stars of the eyes” means only points can be in the eyes. Perform every action as a point and you will remain light. Instead of saying “mine”, say “Yours” and you will become double light....

6-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

“सदा स्मृति में रखो कि हम बाप के नयनों के सितारे हैं, नयनों में सितारा अर्थात् बिन्दू ही समा सकता है।बिन्दू बन हर कर्म करो तो लाइट रहेंगे।मेरा के बजाए तेरा कहो तो डबल लाइट बन जायेंगे। स्व उन्नति वा विश्व सेवा के कार्य का भी बोझ अनुभव नहीं...

5-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

The consciousness of being a instrument easily finishes all burdens. “It is my responsibility. I alone have to look after it. I have to think about it.” It then become a burden. It is the Father’s responsibility and the Father has made me a trustee, that is, an instrument....

5-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

निमित्तपन का भाव बोझ को सहज खत्म कर देता है। मेरी जिम्मेवारी है, मेरे को ही सम्भालना है, मेरे को ही सोचना है....तो बोझ होता है। जिम्मेवारी बाप की है और बाप ने ट्रस्टी अर्थात् निमित्त बनाया है इस स्मृति से डबल लाइट बन उड़ती कला का अनुभव करते...

4-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

The time for the ascending stage has now finished. It is now the time for the flying stage. The sign of the flying stage is your being double light. The slightest burden will bring you down. When you are free from attractions and you become double light, you will...

4-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

अभी चढ़ती कला का समय समाप्त हुआ, अभी उड़ती कला का समय है। उड़ती कला की निशानी है डबल लाइट। थोड़ा भी बोझ होगा तो नीचे ले आयेगा। जब ऐसे आकर्षण मुक्त, डबल लाइट बनो तब सम्पूर्ण बन सकेंगे। - ॐ शान्ति। ...