Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

18-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : 18th जनवरी 1969, पिता श्री अव्यक्ती-स्मृति दिवस।

बाप का बच्चों से इतना प्यार है जो अमृतवेले से ही बच्चों की पालना करते हैं। दिन का आरम्भ ही कितना श्रेष्ठ होता है! स्वयं भगवन मिलन मनाने के लिये बुलाते हैं, रुहरिहान करते हैं, शक्तियाँ भरते हैं!तो इस प्यार की पालना का प्रैक्टिकल स्वरूप ‘सहज योगी जीवन' का...

17-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Father Brahma created in himself sanskars, which he reminded all the children of in his final moments: incorporeal, viceless and egoless. These sanskars of Father Brahma are the natural sanskars of Brahmins. Always keep these elevated sanskars in front of you. By imbibing these sanskars, you will become a...

17-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे ब्रह्मा बाप ने जो अपने संस्कार बनाये, वह सभी बच्चों को अन्त समय में याद दिलाये - निराकारी, निर्विकारी और निरंहकारी - तो यह ब्रह्मा बाप के संस्कार ही ब्राह्मणों के संस्कार नेचुरल हों। सदा इन्हीं श्रेष्ठ संस्कारों को सामने रखो। इन्हीं संस्कारों को धारण करने से स्व...

16-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

God’s love gives so much happiness that if you become lost in this love for even one second, you will forget all the many types of sorrow and will begin to swing in the swing of happiness for all time. -Om Shanti ....

16-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

यह परमात्म प्यार ऐसा सुखदाई प्यार है जो इस प्यार में एक सेकण्ड भी खो जाओ तो अनेक दु:ख भूल जायेंगे और सदा के लिए सुख के झूले में झूलने लगेंगे। - ॐ शान्ति। ...

15-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Divine virtues are the most elevated Prabhu Prasad. Share this with others a lot. Just as you share physical toli with one another out of love, in the same way, give others this toli of divine virtues. Whatever power any soul needs, donate that power to him with your...

15-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

दिव्य गुण सबसे श्रेष्ठ प्रभू प्रसाद है। इस प्रसाद को खूब बांटों, जैसे एक दो में स्नेह की निशानी स्थूल टोली खिलाते हो, ऐसे ये गुणों की टोली खिलाओ। जिस आत्मा को जिस शक्ति की आवश्यकता है उसे अपनी मन्सा अर्थात् शुद्ध वृत्ति, वायब्रेशन द्वारा शक्तियों का दान दो...

14-1-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

You do not have to make effort to remember someone you love, but you automatically remember them. It must be love from the heart, true and selfless. When you say “My Baba! Lovely Baba!” you cannot forget someone you love. You cannot receive altruistic, selfless love from anyone except...

14-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो प्यारा होता है, उसे याद किया नहीं जाता, उसकी याद स्वत: आती है। सिर्फ प्यार दिल का हो, सच्चा और नि:स्वार्थ हो। जब कहते हो मेरा बाबा, प्यारा बाबा - तो प्यारे को कभी भूल नहीं सकते। और नि:स्वार्थ प्यार सिवाए बाप के किसी आत्मा से मिल नहीं...