Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

3-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

विश्व के मालिक के हम बालक सो मालिक हैं - इसी ईश्वरीय नशे और खुशी में रहो। वाह मेरा श्रेष्ठ भाग्य अर्थात् नसीब। इसी खुशी के झूले में सदा झूलते रहो। औरों को भी खुशी का महादान दे खुशनसीब बनाते हो। आपकी जीवन ही खुशी है। खुश रहना ही...

2-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The children who use their Godly sanskars in the task finish their waste thoughts automatically. To make something fruitful means to save it or increase it. Here, you have to make everything worthwhile with your thoughts, words and powerful attitude and you will then become an embodiment of success....

2-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो बच्चे अपने ईश्वरीय संस्कारों को कार्य में लगाते हैं उनके व्यर्थ संकल्प स्वत: खत्म हो जाते हैं। सफल करना माना बचाना या बढ़ाना।यहाँ तो मन्सा से, वाणी से, शक्तिशाली वृत्ति से अपना सब कुछ सफल करो तो सफलतामूर्त बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

1-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

कई बच्चे कहते हैं मेरा यह गुण है, मेरी शक्ति है, यह भी गलती है, परमात्म देन को मेरा मानना यह महापाप है। मेरी कहना माना मैला होना - यह भी ठगी है, इसलिए इस हद के मेरे-पन को अर्पण कर सदा बाबा शब्द याद रहे, तब कहेगे बेहद...

1-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Some children say, “This virtue of mine”, “My power”. This is a mistake. To consider a gift from God to be yours is a great sin. surrender this limited consciousness of “mine” and constantly remember the word “Baba” and you will then be considered to be a renunciate soul....

“God is One and all the rest are human souls.”

All of this praise belongs to God. Even though people understand all of this, they say that God is everywhere. “I, the soul, am God.” If all are God, then to which God does the praise “Ekomkar” belong? – Om Shanti....

“परमात्मा एक है बाकी सर्व मनुष्य आत्माये हैं”

अब यह सारी महिमा एक परमात्मा की है, अब मनुष्य इतना समझते हुए फिर भी कहते हैं ईश्वर सर्वत्र है। अहम् आत्मा सो परमात्मा है, अगर सभी परमात्मा ठहरे फिर एकोंकार ....यह महिमा किस परमात्मा की करते हैं? - ओम् शान्ति।...

31-5-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

For 63 births, you wasted all your treasures and now at the confluence age, you have to accumulate all those treasures accurately by using the right method and you will become an embodiment of success and claim the success of perfection. – Om Shanti....