Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

24-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “पवित्र बनकर पवित्र दुनिया में जाना है”

कर्म में योग और योग में कर्म - ऐसा कर्मयोगी अर्थात् श्रेष्ठ स्मृति, श्रेष्ठ स्थिति और श्रेष्ठ वायुमण्डल बनाने वाला सर्व की दुआओं का अधिकारी बन जाता है। कर्म और योग के बैलेन्स से हर कर्म में बाप द्वारा ब्लैसिंग तो मिलती ही है लेकिन जिसके भी संबंध-सम्पर्क में...

23-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “अब यह पुराना घर छोड़ बाप के साथ चलना है”

आप आत्मायें अनेक आत्माओं को उड़ाने के निमित्त हो इसलिए उमंग-उत्साह के पंख मजबूत हों। सदा इसी स्मृति में रहो कि हम ब्राह्मण (बी.के.) कभी भी थकेंगे नहीं, जिसमें उमंग-उत्साह होता है वह अथक होते हैं। वह अपने चेहरे और चलन से सदा औरों का भी उमंग-उत्साह बढ़ाते हैं।-...

22-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Remember the Father and you will receive your inheritance”

संगमयुग रूहानी मौजों में रहने का युग है इसलिए सदा मौज में रहो, कभी भी मूंझना नहीं। कोई भी परिस्थिति या परीक्षा में थोड़े समय के लिए भी मूंझ हुई और उसी घड़ी अन्तिम घड़ी आ जाए तो अन्त मति सो गति क्या होगी! इसलिए सदा एवररेडी रहो। –...

22-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप को याद करो तो वर्सा मिल जायेगा”

संगमयुग रूहानी मौजों में रहने का युग है इसलिए सदा मौज में रहो, कभी भी मूंझना नहीं। कोई भी परिस्थिति या परीक्षा में थोड़े समय के लिए भी मूंझ हुई और उसी घड़ी अन्तिम घड़ी आ जाए तो अन्त मति सो गति क्या होगी! इसलिए सदा एवररेडी रहो। -...

21-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “महाशिवरात्रि-प्रतिज्ञा करना व्रत लेना और बलि चढ़ना”

जैसे किसी की कोई भी नेचर होती है तो वह स्वत: ही अपना काम करती है। सोचना वा करना नहीं पड़ता। ऐसे विशेषता के संस्कार भी नेचर बन जाएं और हर एक के मुख से, मन से यही निकले कि इस विशेष आत्मा की नेचर ही विशेषता की है।...

20-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “इस पढ़ाई से ही तुम्हें विश्व की बादशाही मिलेगी”

कई बच्चे चलते-चलते बीज को छोड़ टाल-टालियों में आकर्षित हो जाते हैं, माया बुद्धि को ऐसा परिवर्तन कर देती है जो झूठा सहारा ही सच्चा अनुभव होता है इसलिए अब साकार स्वरूप में बाप के साथ का और साक्षी-दृष्टा स्थिति का अनुभव बढ़ाओ, साधनों को सहारा नहीं बनाओ, उन्हें...