4-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
They don't even write a letter to the Father from beyond from whom they receive such a great inheritance. They never even remember Him. Such a Father should be remembered so much. - Om Shanti -...
4-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
पारलौकिक बाप जिससे इतना बड़ा वर्सा मिलता है ऐसे बाप को कभी पत्र भी नहीं लिखते हैं। याद ही नहीं करते! ऐसे बाप को तो कितना याद करना चाहिए। - ॐ शान्ति -...
3-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
Those who have pure and powerful minds will automatically have powerful and pure words and actions; they will be filled with good wishes. - OM SHANTI -...
3-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जिसकी मन्सा शक्तिशाली वा शुभ है, उनकी वाचा और कर्मणा स्वत: ही शक्तिशाली शुद्ध होगी, शुभ-भावना वाली होगी। - ॐ शांति -...
2-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
Only the one Father gives this spiritual knowledge. The Father says: Now become soul conscious! Remember Me, your Supreme Father! You will become satopradhan from tamopradhan by having remembrance. - OM SHANTI -...
2-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
स्प्रीचुअल नॉलेज सिर्फ एक बाप ही देते हैं। अब बाप कहते हैं - आत्म-अभिमानी बनो। मुझ अपने परमपिता को याद करो। याद से तमोप्रधान से सतोप्रधान बन जायेंगे। - ॐ शांति -...
1-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
No one in the world knows what liberation-in-life is. No one even knows when the kingdom of Lakshmi and Narayan existed. You know that you are now claiming the deity sovereignty of purity from the Father. - OM SHANTI -...
1-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
दुनिया में किसको पता नहीं कि जीवन-मुक्ति किसको कहा जाता है। लक्ष्मी-नारायण का राज्य कब था - यह भी किसको पता नहीं है। अब तुम जानते हो हम बाप से पवित्रता का दैवी स्वराज्य ले रहे हैं। - ॐ शान्ति -...
30-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तो बाप आये हैं पुरानी दुनिया को नया बनाने। नई दुनिया सतयुग थी, यह पुरानी दुनिया कलियुग है। इनको अब बदलना है। जैसे पुराना घर खत्म हो नया घर बनता है। सतयुग के बाद त्रेता, द्वापर, कलियुग फिर सतयुग आना जरूर है। वर्ल्ड की हिस्ट्री-जॉग्राफी रिपीट होनी है।...
29-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं तुम ही राज्य लेते हो और कोई ले न सके, सिवाए तुम भारतवासियों के, जो अभी अपने को हिन्दू कहलाते हैं। हम भल कुछ भी नाम दें, हम वास्तव में आदि सनातन देवी-देवता धर्म के थे। अब ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय धर्म की स्थापना हो रही है।...