Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

25-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

You know that is the unlimited Father. You are claiming the unlimited inheritance from the unlimited Father and so you have to follow His shrimat. The Father says: Renounce everything else and remember Me and the inheritance. By remembering this as you walk and move along, you will also...

25-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

तुम जानते हो यह तो बेहद का बाप है। तुम बेहद के बाप से बेहद का वर्सा ले रहे हो तो उनकी श्रीमत पर चलना है। बाप कहते हैं - और सभी बातें छोड़ मुझे याद करो और वर्से को याद करो। चलते-फिरते यह याद रहने से खुशी भी...

24-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

You are a divine idol who has divine thoughts, who speaks divine words and performs divine actions. Do the special service of transforming many souls with your elevated actions and elevated transformation. Make yourself a mirror and let the Father be visible in your mirror. - Om Shanti -...

24-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

आपके साधारण कर्म नहीं विशेष कर्म, विशेष संकल्प और विशेष बोल हों। तो विशेष सेवा यही करो कि अपने श्रेष्ठ कर्म द्वारा, अपने श्रेष्ठ परिवर्तन द्वारा अनेक आत्माओं को परिवर्तन करो। अपने को आइना बनाओ और आपके आइने में बाप दिखाई दे। -ॐ शान्ति -...

23-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Day and night, think about how you can show impure ones the path to become pure. The path is very easy. Only with the power of yoga will you become satopradhan. This is the medicine of the eternal Surgeon. It is not a mantra or anything like that; it is...

23-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

रात-दिन यही चिंतन करो। हम पतितों को पावन बनने का रास्ता कैसे बतायें! रास्ता बहुत सहज है। योगबल से ही हम सतोप्रधान बनेंगे। यह है अविनाशी सर्जन की दवाई। यह कोई मन्त्र आदि नहीं है। यह तो बाप को सिर्फ याद करना है। -ॐ शान्ति -...

22-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप कहते हैं - बच्चे झोली में 5 विकार दान में दे दो तो तुम्हारा ग्रहण छूट जाए। तुम भी अब सम्पूर्ण बनते हो तो बाप कहते हैं यह विकार दान में दे दो। तुमको स्वर्ग की बादशाही मिलती है। - ॐ शान्ति -...

22-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

The Father says: Children, donate the five vices into My apron and the omens of the eclipse will be removed. the Father says: Donate those vices. You are receiving the sovereignty of heaven. - ॐ Shanti -...

21-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

You are the true, great warriors. Throughout the day, you should be concerned that someone should come to you to whom you can show this path. The Father says: Remember Me, Alpha, and you will receive beta, the kingdom. It is so easy! You should go and do service...

21-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सच्चे-सच्चे महावीर तुम हो। बस सारा दिन यही तात रहे - कोई हो जिसे यह रास्ता बतायें। बाप कहते हैं - मुझ अल्फ को याद करो तो बे बादशाही मिल जायेगी। कितना सहज है। ऐसे-ऐसे जाकर सर्विस करनी चाहिए। अपना और दूसरों का कल्याण करना चाहिए। - ॐ शान्ति...