Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

30-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Tolerate everything, praise and defamation and become an ocean of love, the same as the Father. Let your activity be very royal. Make effort to claim the sovereignty of the world with the power of yoga. Ignite the light of everyone with your ignited light and celebrate true Deepawali....

30-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

स्तुति-निंदा सब कुछ सहन करते हुए बाप समान प्यार का सागर बनना है। चलन बड़ी रॉयल रखनी है। याद के बल से विश्व की बादशाही लेने का पुरुषार्थ करना है, अपनी जगी हुई ज्योत से सबकी ज्योत जगाकर सच्ची दीपावली मनानी है। - ॐ शान्ति। ...

29-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

from the Father Everyone has received the same property, but those who churn it and make it their own have the intoxication and happiness of it. Those who remain intoxicated by churning cannot be pulled by anything or any problem of the world. They automatically receive the blessing of...

29-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप द्वारा प्रापर्टी तो सबको एक जैसी मिली हुई है लेकिन जो मनन करके उसे अपना बनाते हैं, उन्हें उसका नशा और खुशी रहती है। उन्हें दुनिया की कोई भी चीज़, उलझन आकर्षित नहीं कर सकती। उन्हें दिव्य बुद्धि का वरदान स्वत: मिल जाता है। - ॐ शान्ति। ...

28-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

भल कोई क्रोध भी करे परन्तु तुम नहीं बोलो। संन्यासी भी कहते हैं - मुख में ताबीज़ डाल दो, तो वह बोल-बोल कर चुप हो जायेगा। बाप भी कहते हैं - कोई क्रोध से बोले तो तुम शान्त होकर देखते रहो। कोई भी हालत में तुम्हें शिवबाबा को याद...

27-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Trimurti Shiva, that is, Shiva, the Creator of Brahma, Vishnu and Shankar. The Creator of these three deities is Shiva. This is why Trimurti Shiva is said. There is the one Creator and all the rest are creation. There is just the one unlimited Father. - Om Shanti ....

27-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

त्रिमूर्ति शिव अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु, शंकर का रचयिता शिव। इन तीनों देवताओं का रचयिता है ही शिव, इसलिए त्रिमूर्ति शिव कहा जाता है। एक रचयिता, बाकी सब हैं रचना। बेहद का बाप एक ही है। -ॐ शान्ति। ...

26-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

When Bharat was 16 celestial degrees full, it was the kingdom of perfect deities. When it was the kingdom of Lakshmi and Narayan, Bharat was heaven. It has now been eclipsed by the five vices and this is why the Father says: Make a donation and the omens of...

26-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

भारत जो 16 कला सम्पूर्ण था, सम्पूर्ण देवताओं का राज्य था। इन लक्ष्मी-नारायण की राजधानी थी। भारत स्वर्ग था। अब 5 विकारों का ग्रहण लगा हुआ है, इसलिए बाप कहते हैं दे दान तो छूटे ग्रहण। - ॐ शान्ति। ...