totalspirituality.com
19-04-2024 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे - बाप आये हैं सारी दुनिया का हाहाकार मिटाकर जयजयकार करने - पुरानी दुनिया में है हाहाकार, नई दुनिया में है जयजयकार” - totalspirituality.com
कर्मयोगी बनना है, कर्म संन्यासी नहीं। संगठन में रहो, सबके स्नेही बनो लेकिन बुद्धि का सहारा एक बाप हो, दूसरा न कोई। बुद्धि को कोई आत्मा का साथ, गुण वा कोई विशेषता आकर्षित न करे तब कहेंगे कर्मयोगी पवित्र अत्मा। - ओम् शान्ति।
admin