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17-02-2024 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – तुम्हें याद के बल से पावन बन ऊंच पद पाना है” - totalspirituality.com
जब बुद्धि कहाँ भी उलझन में आती है तो समझ लो जरूर कोई न कोई मेरापन है। जहाँ मेरा आया वहाँ बुद्धि का फेरा हुआ। गृहस्थी बनकर सोचने से गड़बड़ होती है इसलिए बिल्कुल न्यारे और ट्रस्टी बन जाओ। - ओम् शान्ति।
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